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नमस्कार! ( Greetings! )

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         नमस्ते या नमस्कार करने की मुद्रा। नमस्ते या नमस्कार , भारतीयों के बीच अभिनन्दन करने का प्रयुक्त शब्द है जिसका अर्थ है तुम्हारे लिए प्रणाम।  Namaste or Namaskar Gesture. Namaste or Namaskar is common among Indians to greet (to welcome as well as to bid farewell) each other (verbally with the gesture or only verbally) and it means I salute the divine in you.  

समास

समास समास का तात्पर्य है ‘संक्षिप्तीकरण’। दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं। जैसे-‘रसोई के लिए घर’ इसे हम ‘रसोईघर’ भी कह सकते हैं। सामासिक शब्द- समास के नियमों से निर्मित शब्द सामासिक शब्द कहलाता है। इसे समस्तपद भी कहते हैं। समास होने के बाद विभक्तियों के चिह्न (परसर्ग) लुप्त हो जाते हैं। जैसे-राजपुत्र। समास-विग्रह- सामासिक शब्दों के बीच के संबंध को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है। जैसे-राजपुत्र-राजा का पुत्र। पूर्वपद और उत्तरपद- समास में दो पद (शब्द) होते हैं। पहले पद को पूर्वपद और दूसरे पद को उत्तरपद कहते हैं। जैसे-गंगाजल। इसमें गंगा पूर्वपद और जल उत्तरपद है। समास के भेद समास के चार भेद हैं- 1. अव्ययीभाव समास। 2. तत्पुरुष समास। 3. द्वंद्व समास। 4. बहुव्रीहि समास। 1. अव्ययीभाव समास जिस समास का पहला पद प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। जैसे-यथामति (मति के अनुसार), आमरण (मृत्यु कर) इनमें यथा और आ अव्यय हैं। कुछ अन्य उदाहरण- आजीवन - जीवन-भर, यथासामर्थ्य - सामर्थ्य के अनुसार यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार, यथ

प्रत्यय

प्रत्यय प्रत्यय- जो शब्दांश शब्दों के अंत में लगकर उनके अर्थ को बदल देते हैं वे प्रत्यय कहलाते हैं। जैसे-जलज, पंकज आदि। जल=पानी तथा ज=जन्म लेने वाला। पानी में जन्म लेने वाला अर्थात् कमल। इसी प्रकार पंक शब्द में ज प्रत्यय लगकर पंकज अर्थात कमल कर देता है। प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं- 1. कृत प्रत्यय। 2. तद्धित प्रत्यय। 1. कृत प्रत्यय जो प्रत्यय धातुओं के अंत में लगते हैं वे कृत प्रत्यय कहलाते हैं। कृत प्रत्यय के योग से बने शब्दों को (कृत+अंत) कृदंत कहते हैं। जैसे-राखन+हारा=राखनहारा, घट+इया=घटिया, लिख+आवट=लिखावट आदि। (क) कर्तृवाचक कृदंत- जिस प्रत्यय से बने शब्द से कार्य करने वाले अर्थात कर्ता का बोध हो, वह कर्तृवाचक कृदंत कहलाता है। जैसे-‘पढ़ना’। इस सामान्य क्रिया के साथ वाला प्रत्यय लगाने से ‘पढ़नेवाला’ शब्द बना। प्रत्यय शब्द-रूप प्रत्यय शब्द-रूप वाला पढ़नेवाला, लिखनेवाला,रखवाला हारा राखनहारा, खेवनहारा, पालनहारा आऊ बिकाऊ, टिकाऊ, चलाऊ आक तैराक आका लड़का, धड़ाका, धमा

वाक्य-प्रकरण

वाक्य-प्रकरण वाक्य- एक विचार को पूर्णता से प्रकट करने वाला शब्द-समूह वाक्य कहलाता है। जैसे- 1. श्याम दूध पी रहा है। 2. मैं भागते-भागते थक गया। 3. यह कितना सुंदर उपवन है। 4. ओह ! आज तो गरमी के कारण प्राण निकले जा रहे हैं। 5. वह मेहनत करता तो पास हो जाता। ये सभी मुख से निकलने वाली सार्थक ध्वनियों के समूह हैं। अतः ये वाक्य हैं। वाक्य भाषा का चरम अवयव है। वाक्य-खंड वाक्य के प्रमुख दो खंड हैं- 1. उद्देश्य। 2. विधेय। 1. उद्देश्य- जिसके विषय में कुछ कहा जाता है उसे सूचकि करने वाले शब्द को उद्देश्य कहते हैं। जैसे- 1. अर्जुन ने जयद्रथ को मारा। 2. कुत्ता भौंक रहा है। 3. तोता डाल पर बैठा है। इनमें अर्जुन ने, कुत्ता, तोता उद्देश्य हैं; इनके विषय में कुछ कहा गया है। अथवा यों कह सकते हैं कि वाक्य में जो कर्ता हो उसे उद्देश्य कह सकते हैं क्योंकि किसी क्रिया को करने के कारण वही मुख्य होता है। 2. विधेय- उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाता है, अथवा उद्देश्य (कर्ता) जो कुछ कार्य करता है वह सब विधेय कहलाता है। जैसे- 1. अर्जुन ने जयद्रथ को मारा। 2. कुत्ता भौंक रहा है। 3. तोता डाल पर बैठा है

कुछ सामान्य अशुद्धियाँ

कुछ सामान्य अशुद्धियाँ अशुद्ध शुद्ध अशुद्ध शुद्ध अशुद्ध शुद्ध अशुद्ध शुद्ध अगामी आगामी लिखायी लिखाई सप्ताहिक साप्ताहिक अलोकिक अलौकिक संसारिक सांसारिक क्यूँ क्यों आधीन अधीन हस्ताक्षेप हस्तक्षेप व्योहार व्यवहार बरात बारात उपन्यासिक औपन्यासिक क्षत्रीय क्षत्रिय दुनियां दुनिया तिथी तिथि कालीदास कालिदास पूरती पूर्ति अतिथी अतिथि नीती नीति गृहणी गृहिणी परिस्थित परिस्थिति आर्शिवाद आशीर्वाद निरिक्षण निरीक्षण बिमारी बीमारी पत्नि पत्नी शताब्दि शताब्दी लड़ायी लड़ाई स्थाई स्थायी श्रीमति श्रीमती सामिग्री

कुछ जड़ पदार्थों की विशेष ध्वनियाँ या क्रियाएँ

कुछ जड़ पदार्थों की विशेष ध्वनियाँ या क्रियाएँ जिह्वा लपलपाना दाँत किटकिटाना हृदय धड़कना पैर पटकना अश्रु छलछलाना घड़ी टिक-टिक करना पंख फड़फड़ाना तारे जगमगाना नौका डगमगाना मेघ गरजना

पशु-पक्षियों की बोलियाँ

पशु-पक्षियों की बोलियाँ पशु बोली पशु बोली पशु बोली ऊँट बलबलाना कोयल कूकना गाय रँभाना चिड़िया चहचहाना भैंस डकराना (रँभाना) बकरी मिमियाना मोर कुहकना घोड़ा हिनहिनाना तोता टैं-टैं करना हाथी चिघाड़ना कौआ काँव-काँव करना साँप फुफकारना शेर दहाड़ना सारस क्रें-क्रें करना बिल्ली म्योंऊ टिटहरी टीं-टीं करना कुत्ता भौंकना मक्खी भिनभिनाना

अनेकार्थक शब्द

अनेकार्थक शब्द 1. अक्षर= नष्ट न होने वाला, वर्ण, ईश्वर, शिव। 2. अर्थ= धन, ऐश्वर्य, प्रयोजन, हेतु। 3. आराम= बाग, विश्राम, रोग का दूर होना। 4. कर= हाथ, किरण, टैक्स, हाथी की सूँड़। 5. काल= समय, मृत्यु, यमराज। 6. काम= कार्य, पेशा, धंधा, वासना, कामदेव। 7. गुण= कौशल, शील, रस्सी, स्वभाव, धनुष की डोरी। 8. घन= बादल, भारी, हथौड़ा, घना। 9. जलज= कमल, मोती, मछली, चंद्रमा, शंख। 10. तात= पिता, भाई, बड़ा, पूज्य, प्यारा, मित्र। 11. दल= समूह, सेना, पत्ता, हिस्सा, पक्ष, भाग, चिड़ी। 12. नग= पर्वत, वृक्ष, नगीना। 13. पयोधर= बादल, स्तन, पर्वत, गन्ना। 14. फल= लाभ, मेवा, नतीजा, भाले की नोक। 15. बाल= बालक, केश, बाला, दानेयुक्त डंठल। 16. मधु= शहद, मदिरा, चैत मास, एक दैत्य, वसंत। 17. राग= प्रेम, लाल रंग, संगीत की ध्वनि। 18. राशि= समूह, मेष, कर्क, वृश्चिक आदि राशियाँ। 19. लक्ष्य= निशान, उद्देश्य। 20. वर्ण= अक्षर, रंग, ब्राह्मण आदि जातियाँ। 21. सारंग= मोर, सर्प, मेघ, हिरन, पपीहा, राजहंस, हाथी, कोयल, कामदेव, सिंह, धनुष भौंरा, मधुमक्खी, कमल। 22. सर= अमृत, दूध, पानी, गंगा, मधु, पृथ्वी, तालाब। 23

समोच्चरित शब्द

समोच्चरित शब्द 1. अनल=आग अनिल=हवा, वायु 2. उपकार=भलाई, भला करना अपकार=बुराई, बुरा करना 3. अन्न=अनाज अन्य=दूसरा 4. अणु=कण अनु=पश्चात 5. ओर=तरफ और=तथा 6. असित=काला अशित=खाया हुआ 7. अपेक्षा=तुलना में उपेक्षा=निरादर, लापरवाही 8. कल=सुंदर, पुरजा काल=समय 9. अंदर=भीतर अंतर=भेद 10. अंक=गोद अंग=देह का भाग 11. कुल=वंश कूल=किनारा 12. अश्व=घोड़ा अश्म=पत्थर 13. अलि=भ्रमर आली=सखी 14. कृमि=कीट कृषि=खेती 15. अपचार=अपराध उपचार=इलाज 16. अन्याय=गैर-इंसाफी अन्यान्य=दूसरे-दूसरे 17. कृति=रचना कृती=निपुण, परिश्रमी 18. आमरण=मृत्युपर्यंत आभरण=गहना 19. अवसान=अंत आसान=सरल 20. कलि=कलियुग, झगड़ा कली=अधखिला फूल 21. इतर=दूसरा इत्र=सुगंधित द्रव्य 22. क्रम=सिलसिला कर्म=काम 23. परुष=कठोर पुरुष=आदमी 24. कुट=घर,किला कूट=पर्वत 25. कुच=स्तन कूच=प्रस्थान 26. प्रसाद=कृपा प्रासादा=महल 27. कुजन=दुर्जन कूजन=पक्षियों का कलरव 28. गत=बीता हुआ गति=चाल 29. पानी=जल पाणि=हाथ 30. गुर=उपाय गुरु=शिक्षक, भारी 31. ग्रह=सूर्य,चंद्र गृह=घर 32. प्रकार=तरह प्राकार=किला, घेरा 33. चरण=

एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द

एकार्थक प्रतीत होने वाले शब्द 1. अस्त्र- जो हथियार हाथ से फेंककर चलाया जाए। जैसे-बाण। शस्त्र- जो हथियार हाथ में पकड़े-पकड़े चलाया जाए। जैसे-कृपाण। 2. अलौकिक- जो इस जगत में कठिनाई से प्राप्त हो। लोकोत्तर। अस्वाभाविक- जो मानव स्वभाव के विपरीत हो। असाधारण- सांसारिक होकर भी अधिकता से न मिले। विशेष। 3. अमूल्य- जो चीज मूल्य देकर भी प्राप्त न हो सके। बहुमूल्य- जिस चीज का बहुत मूल्य देना पड़ा। 4. आनंद- खुशी का स्थायी और गंभीर भाव। आह्लाद- क्षणिक एवं तीव्र आनंद। उल्लास- सुख-प्राप्ति की अल्पकालिक क्रिया, उमंग। प्रसन्नता-साधारण आनंद का भाव। 5. ईर्ष्या- दूसरे की उन्नति को सहन न कर सकना। डाह-ईर्ष्यायुक्त जलन। द्वेष- शत्रुता का भाव। स्पर्धा- दूसरों की उन्नति देखकर स्वयं उन्नति करने का प्रयास करना। 6. अपराध- सामाजिक एवं सरकारी कानून का उल्लंघन। पाप- नैतिक एवं धार्मिक नियमों को तोड़ना। 7. अनुनय-किसी बात पर सहमत होने की प्रार्थना। विनय- अनुशासन एवं शिष्टतापूर्ण निवेदन। आवेदन-योग्यतानुसार किसी पद के लिए कथन द्वारा प्रस्तुत होना। प्रार्थना- किसी कार्य-सिद्धि के लिए विनम्रतापूर्ण कथन।

विपरीतार्थक (विलोम शब्द)

विपरीतार्थक (विलोम शब्द) शब्द विलोम शब्द विलोम शब्द विलोम अथ इति आविर्भाव तिरोभाव आकर्षण विकर्षण आमिष निरामिष अभिज्ञ अनभिज्ञ आजादी गुलामी अनुकूल प्रतिकूल आर्द्र शुष्क अनुराग विराग आहार निराहार अल्प अधिक अनिवार्य वैकल्पिक अमृत विष अगम सुगम अभिमान नम्रता आकाश पाताल आशा निराशा अर्थ अनर्थ अल्पायु दीर्घायु अनुग्रह विग्रह अपमान सम्मान आश्रित निराश्रित अंधकार प्रकाश अनुज अग्रज अरुचि रुचि आदि अंत आदान प्रदान आरंभ अंत आय व्यय अर्वाचीन प्राचीन अवनति उन्नति

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द 1 जिसे देखकर डर (भय) लगे डरावना, भयानक 2 जो स्थिर रहे स्थावर 3 ज्ञान देने वाली ज्ञानदा 4 भूत-वर्तमान-भविष्य को देखने (जानने) वाले त्रिकालदर्शी 5 जानने की इच्छा रखने वाला जिज्ञासु 6 जिसे क्षमा न किया जा सके अक्षम्य 7 पंद्रह दिन में एक बार होने वाला पाक्षिक 8 अच्छे चरित्र वाला सच्चरित्र 9 आज्ञा का पालन करने वाला आज्ञाकारी 10 रोगी की चिकित्सा करने वाला चिकित्सक 11 सत्य बोलने वाला सत्यवादी 12 दूसरों पर उपकार करने वाला उपकारी 13 जिसे कभी बुढ़ापा न आये अजर 14 दया करने वाला दयालु 15 जिसका आकार न हो निराकार 16 जो आँखों के सामने हो प्रत्यक्ष